दिन आ रहा है
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मलाकी 4:1 कि देखो, वह धधकते भट्ठे का सा दिन आता है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग अनाज की खूंटी बन जाएंगे; और उस आने वाले दिन में वे ऐसे भस्म हो जाएंगे कि उनका पता तक न रहेगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
हम में से बहुत से लोग परमेश्वर का उग्र न्याय पर विश्वास नहीं करना चाहते हैं। एक प्रेम करने वाले परमेश्वर के बारे में इस तरह से सोचना कुछ अजीब लगता है … और सच तो यह है कि कोई भी इस न्याय को पाना नहीं चाहता!
अक्सर जब कोई प्रचारक या व्यक्ति बाइबल के उन हिस्सों को पढ़ता है जहां परमेश्वर के न्याय के बारे में, या नरक और उसकी अनंतकाल की पीड़ा के बारे में लिखा है तो लोगों को अच्छा नहीं लगता।
परमेश्वर में विश्वास न करने वाले लोगों द्वारा ऐसे प्रचारकों या अन्य लोगों को तिरस्कृत किया जाता है। उनका मज़ाक उड़ाया जाता है। यहाँ तक कि कई बार उनका जीना दूभर कर दिया जाता है। तो सवाल उठता है कि नास्तिकों के झुंड को यह इतना अपमानजनक क्यों लगता है ? आखिरकार, वे स्वर्ग या नर्क में विश्वास नहीं करते।
और फिर भी, मन की गहराई से हम सब जानते हैं कि एक दिन परमेश्वर के सामने हिसाब होगा, चाहे हम इसे स्वीकार करें या नहीं।
मलाकी 4:1 कि देखो, वह धधकते भट्ठे का सा दिन आता है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग अनाज की खूंटी बन जाएंगे; और उस आने वाले दिन में वे ऐसे भस्म हो जाएंगे कि उनका पता तक न रहेगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
यह एक भयावह कल्पना है, जवाबदेही के कुछ कठिन शब्द हैं। जवाबदेही में कुछ भी गलत नहीं है। यह अच्छी बात है। हमें अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। वास्तव में, बुरे व्यवहार के परिणाम होने चाहिए।
इसलिए, यदि हम यीशु में विश्वास करते हैं, तो स्वयं से कुछ प्रश्न पूछें। क्या मैं अहंकारी हो गया हूँ? क्या मैं बुराई में गिर गया हूँ? निस्संदेह, जो यीशु पर विश्वास करता है वह उस पर विश्वास करने के द्वारा दण्ड से बचा लिया जाता है।
लेकिन अगर हम परमेश्वर से मुंह मोड़ लेते हैं, अगर हम अहंकारी हो जाते हैं, अगर हम बुराई का रास्ता चुनते हैं … तो सावधान! न्याय का दिन आ रहा है।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए… ।