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जीवन कीचड़ मे है

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मरकुस 8:11-13 फिर फरीसी निकलकर उस से वाद-विवाद करने लगे, और उसे जांचने के लिये उस से कोई स्वर्गीय चिन्ह मांगा। 
12 उस ने अपनी आत्मा में आह मार कर कहा, इस समय के लोग क्यों चिन्ह ढूंढ़ते हैं? मैं तुम से सच कहता हूं, कि इस समय के लोगों को कोई चिन्ह नहीं दिया जाएगा। 
13 और वह उन्हें छोड़कर फिर नाव पर चढ़ गया और पार चला गया॥

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जीवन कीचड़ मे है


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यदि आप मेरे जैसे हैं, तो आपको अपने जीवन में कुछ क्रम जरूर होगा । मुझे लगता है कि हम सभी उम्मीद करते हैं कि जीवन समझ में आएगा, और इसका अनुमान लगाया जा सकता है, यह कि लोग चीजों को हमारे तरीके से देखेंगे और जिस तरह से हम उम्मीद करेंगे, हमें जवाब देंगे। क्यों सही है ना 

लेकिन नहीं, जीवन हमेशा ऐसा नहीं होता। उदाहरण के लिए यीशु को लें। उसने जो कुछ भी किया वह सब अच्छा था। उसने कोढ़ियों, अंधों और खून बहनेवाली स्त्रियों को चंगा किया। उसने पापियों और बहिष्कृतों को परमेश्वर का अनुग्रह दिखाया। उन्होंने शक्ति और ज्ञान के साथ उपदेश दिया, जिसने लोगों को अविश्वसनीय रूप से गहराई तक प्रभावित किया। फिर भी, धार्मिक नेता संतुष्ट नहीं थे।

मरकुस 8:11-13 फरीसी यीशु के पास आए और उस से प्रश्न करने लगे। वे उसकी परीक्षा लेना चाहते थे। सो उन्होंने उससे परमेश्वर की ओर से चिन्ह के रूप में कोई चमत्कार करने को कहा। यीशु ने गहरी आह भरी और कहा, “तुम लोग चमत्कार को चिह्न के रूप में देखने के लिए क्यों कहते हो? मैं चाहता हूं कि आप यह जान लें कि आपको कुछ भी साबित करने के लिए कोई चमत्कार नहीं किया जाएगा। तब यीशु उन्हें छोड़कर नाव पर झील के पार चला गया।

सचमुच? उन्हें उसकी परीक्षा लेनी थी? वे उसके द्वारा किए जा रहे सभी अच्छे कामों को देख ही नहीं सकते थे और बाकी सभी लोगों की तरह चकित नहीं थे? लेकिन  यह पिता के व्यवसाय में होने की कीमत है।

कलाकार, लेखक और पादरी, मैंडी स्मिथ इसे इस तरह कहते हैं: यीशु धूल भरी सड़कों पर चला, वह कीचड़ भरे पानी से गुजरा, उसने हजारों कीटाणुओं से भरे हाथों को छुआ। उसने मेजें और लंबे समय से अटके विचार पलट दिए … और मौत सह ली ।

क्या यह एक सुव्यवस्थित, सुरक्षित, सभ्य जीवन जैसा लगता है? जी नहीं! जब आप यीशु का अनुसरण करना चुनते हैं, तो यह जान लें: कि आपका जीवन अस्त-व्यस्त होने वाला है।

आदत डाल लो। यह परमेश्वर के राज्य मे काम करने की लागत है।

और यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए… 

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