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चर्च और एडॉल्फ हिटलर

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रोमियों 2:4 क्या तू उस की कृपा, और सहनशीलता, और धीरज रूपी धन को तुच्छ जानता है और कया यह नहीं समझता, कि परमेश्वर की कृपा तुझे मन फिराव को सिखाती है?

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चर्च और एडॉल्फ हिटलर


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क्या आपने कभी सोचा है कि जब हिटलर और नाजियों ने 60 लाख यहूदियों को मार डाला, तो जर्मनी में चर्च बिना कुछ कहे चुपचाप कैसे खड़ा रह सकता था?

ऑशविट्ज़-के मृत्यु शिविरों के अवशेषों के मध्य चलने के बाद, परमेश्वर के चुने हुए लोगों के वध की भयावहता ने मेरी आत्मा को हमेशा के लिए बदल दिया । उसके बाद आप पहले जैसे नहीं रह सकते।

तो चर्च या – जर्मनी के मसीही लोगों – ने अपनी मूक भागीदारी के माध्यम से इस अकल्पनीय अत्याचार को कैसे होने दिया? वे क्यों चिल्ला के नहीं रोए – !? हमारे लिए उन्हें यहां अपनी सुरक्षा से आंकना आसान है। आखिरकार, निर्दोषों को मार डाला गया, सादा और सरल।

जब एक दिन नाजी-विरोधी पादरी और धर्मशास्त्री डिट्रिच बोन्होफ़र से यही सवाल पूछा गया, तो उन्हों ने उत्तर दिया कि यह “सस्ते अनुग्रह ” के कारण था जिसने चर्च पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने कहा:

सस्ता अनुग्रह पश्चाताप की आवश्यकता के बिना क्षमा का उपदेश है, चर्च अनुशासन के बिना बपतिस्मा, व्यक्तिगत स्वीकारोक्ति के बिना मुक्ति। सस्ता अनुग्रह शिष्यत्व के बिना अनुग्रह, क्रूस के बिना अनुग्रह, यीशु मसीह के बिना अनुग्रह है।

चर्च आंतरिक रूप से एकाग्र होकर, यह पूछकर कि इसमें मेरे लिए क्या है, अपना रास्ता खो चुका था? यहूदियों की कीमत पर अपने बचाव और अपनी सुरक्षा पर उनका ध्यान केंद्रित था । इतिहास खुद को दोहराने के लिए बाध्य है। दरअसल, यह खुद को दोहरा रहा है। चर्च के चारों ओर देखो। हम सभी स्वस्थ, धनी और बुद्धिमान बनना चाहते हैं।

सुनिए – आपके और मेरे प्रति परमेश्वर के अनुग्रह के लिए यीशु ने अपना सब कुछ दे दिया। उस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

रोमियों 2:4 क्या तू उस की कृपा, और सहनशीलता, और धीरज रूपी धन को तुच्छ जानता है और कया यह नहीं समझता, कि परमेश्वर की कृपा तुझे मन फिराव को सिखाती है?

पश्चाताप  करो चाहे उसके लिए कितनी भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े ।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए…


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