... helping you be all that God made you to be, because He plans on shining His light into this world through you.

Berni - ceo, Christianityworks

दुख उठाने वाला परमेश्वर ।

We're glad you like it!

Enjoying the content? You can save this to your favourites by logging in to your account.

Register or Login

Add to Favourites

यशायाह 53:3,5 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना॥ निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।

Listen to the radio broadcast of

दुख उठाने वाला परमेश्वर ।


Download audio file

जब आप और मैं खुद को पीढ़ा में पाते हैं, विशेष रूप से तब जब की हम जानते हैं, की  स्पष्ट रूप से हमारी गलती नहीं है, जब पीढ़ा कितनी अनुचित लगती है।  तो हम खुद से ये पूछते हैं कि परमेश्वर यह कैसे होने दिया? वह ऐसा कैसे चलने दे  सकते है?

दुख तकलीफ एक ऐसी चीज है जो किसी प्रेम करने वाले , सर्व-शक्तिमान परमेश्वर के अस्तित्व को गलत साबित करती प्रतीत होती है। स्पष्ट रूप से, यदि वह प्रेम करने वाला  और सर्वशक्तिशाली परमेशवेर है , तो वह दुख को रोक क्यों नहीं सकता … कम से कम अनुचित प्रकार के कष्ट को , जैसे की कैंसर से पीरित बच्चे और गुलामी की शिकार महिलाएं।  … क्या वह ऐसा नहीं कर सकता?

मेरे पास सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं हैं, लेकिन जो वास्तव में मुझे साफ साफ दिखता है, वह यह है कि यीशु इस दुनिया में आए, हमें यह दिखाने के लिए कि परमेश्वर का वास्तविक रूप क्या है। उन्होने आपके और मेरे गुनाहो की सज़ा को अपने ऊपर ले लिया , पीड़ित हुये , ताकि हम माफ किए जाए। ताकि हम अनंत जीवन का मुफ्त उपहार पा सकें।

यशायाह ने यह भविष्यवाणी सदियों पहले की थी:

यशायाह 53: 3,5 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना॥ निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।

चाहे हम जितना भी चाहें कि दुख हमारे पास ना आए , परंतु ये जीवन का हिस्सा है। मुझे नहीं पता कि परमेश्वर ने एक ऐसे संसार को क्यों बनाया जिसमें दुख शामिल है। लेकिन मुझे ये पता है, वह खुद भी तकलीफ और पीढ़ा से अजनबी नहीं  है।

यीशु को बेरहमी से मारा कूटा और पीटा गया। उसके हाथ और पैरों में कीलें ठोक कर उसे सलीब पर लटका दिया गया । जहाँ भयंकर पीढ़ा से उसका दम घुट रहा था।

जिस परमेशवेर को मैं जानता हूं वह ऐसा परमेश्वर है जो हमारे दुख में हमारे साथ पीड़ित होता है।

यह आज का ताज़ा  वचन है। आज … आपके लिए …।


We use cookies to improve your browsing experience, analyse site traffic & personalise content, but we do not track you when you leave this site. To find out how we utilise & protect your data, check out our "Privacy Policy".

Privacy Policy

Sorry, no video available

Due to the 2020 COVID-19 situation there’s no video for this program. Enjoy the audio & text and remember, there’s lots more in the Media Lounge. Thank you for your understanding.

Visit the Media Lounge