समय से पहले शुरू हुआ
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भजन 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिये कि मैं भयपूर्वक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भाँति जानता हूँ।
हम मे से बहुत सारे लोग अपने साथ अपर्याप्तता या कमी की भावना को साथ लिए फिरते हैं। कभी-कभी हमें एहसास भी नहीं होता कि हम ऐसा कर रहे हैं … लेकिन यह भावना हमारे दिन, हमारे जीवन को बर्बाद कर देती है। आज समय है की हम इस भावना को अपने जीवन से निकाल फेकें।
हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जो हमें बताती है कि हमारी कोई कीमत हैं … यदि
यदि हम आकर्षक हैं, यदि हम सफल हैं, यदि हम बहुत पैसा कमाते हैं। यदि हमारे पास मान सम्मान है। यदि हम नये नये फैशन के साथ चलते हैं। और इस यदि का भ्रम हमारे जीवन मे अपर्याप्तता या कमी की एक गंभीर भावना पैदा कर देता है। लोग हमेशा दूसरों के साथ खुद की तुलना करतें हैं, और फिर इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वे दूसरों के मुक़ाबले ज़्यादा अच्छे नहीं हैं।
लेकिन ज़रा सोचिए। उस “यदि” के बिना, अपर्याप्तता की वह भयावह भावना चली जाएगी। निश्चित रूप से इसकी जड़ में, अपर्याप्तता और इच्छा का वो विषाक्त मिश्रण है जिसका प्रयोग, विज्ञापन उद्योग, हमें उस नवीनतम, उन बेकार चीजों को बेचने के लिए कर रहा है जिसकी हमें ज़रूरत नहीं है। शायद इसीलिए आज इतने सारे लोग अपने बारे में अनिश्चित हैं।
लेकिन हमारे जनम से पहले ही परमेश्वर हमें जानता था – आपको और मुझे।
उसने हमारे अंतरमन की रचना की । उसने हमें हमारी माताओं के गर्भ में बढ़ा किया। आप और मैं, बढ़े भय और आश्चर्यजनक रूप से बनाये गए । जब हम उस गुप्त स्थान पर बनाए जा रहे थे, जब हम पृथ्वी की गहराई में एक साथ बुने जा रहे थे, तब भी हमारा व्यक्तित्त्व, परमेश्वर से छिपा नहीं था।
उसकी आँखों ने हमारे अविकसित शरीर को देखा और हमारे अस्तित्व में आने से पहले ही वो सभी दिन जो हमारे लिए योजनाबद्ध हैं , उसके ह्रदय में पहले ही से लिखे हुए थे। हम उसके लिए कितने कीमती है?
और इस के उत्तर में केवल यही कहा जा सकता है।
भजन 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिये कि मैं भयपूर्वक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं,और मैं इसे भली भाँति जानता हूँ
तो, आज यहाँ इस खतरनाक “यदि ” का अंत होता है॰!
यह परमेश्वर का ताजा वचन है। आज। … आपके लिए…